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Phulera Dooj in Hindi | फुलेरा दूज का महत्व, पौराणिक कथा

Phulera Dooj 2023 Date in Hindi: फुलेरा दूज एक उत्तर भारतीय त्योहार है, जिसे रंगों का त्यौहार (होली) के रूप में भी जाना जाता है। यह विशेष रूप से मथुरा, वृंदावन में मनाया जाता है।

सभी भक्त इसे श्रीकृष्ण के मंदिर में श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस त्योहारों को मनाने के लिए कई मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, जो भक्ति भाव से भगवान कृष्ण को समर्पित की जाती हैं।

इस दिन मंदिरों में कृष्ण की लीला गाई जाती है, भजन और नृत्य के माध्यम से भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इसके अलावा भी कई शुभ कार्य इसे शुभ दिन मानकर किए जाते हैं।

Phulera Dooj Kab Ki Hai?

फुलेरा दूज हिंदी कैलेंडर के आखिरी महीने फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे एक पवित्र दिन के रूप में पूजा जाता है।

इस पर्व का महत्व वृंदावन के मथुरा के कृष्ण मंदिर में सबसे अधिक है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह फरवरी, मार्च में मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 21 फरवरी को मनाया जाएगा।

Phulera Dooj Kab Hai?

  • फुलेरा दूज 2023 तारीख: 21 फरवरी 2023, मंगलवार
  • Phulera Dooj 2023 Date: 21 February 2022, Tuesday

Happy Phulera Dooj Mahatva in Hindi

यह त्योहार फाल्गुन में वसंत पंचमी और होली के त्योहार के बीच मनाया जाता है। फुलेरा दूज एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है, दोषमुक्त दिवस के रूप में इसकी पूजा की जाती है।

जिस प्रकार किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए शुभ मुहूर्त के आधार पर दिन और समय का चुनाव किया जाता है, उसी प्रकार फुलेरा दूज का पूरा दिन शुभ माना जाता है।

इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मनाया जाता है। इस दिन शुभ कार्य कभी भी किए जा सकते हैं। यह दिन विवाह के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त के विवाह संस्कार किए जा सकते हैं।

Phulera Dooj Kaise Manaye Jaate Hai?

  • यदि कोई व्यक्ति कोई नया काम शुरू करना चाहता है तो इस दिन को उस काम को शुरू करने के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है।
  • यह दिन भगवान की कृपा को प्रणाम करते हुए उत्साह के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हर जगह प्यार और खुशी फैलाता है।
  • यह दिन कृष्ण के प्रति प्रेम को व्यक्त करता है। इस दिन भगवान भी अपने भक्तों को बराबर प्यार देते हैं।
  • इस दिन भक्त भक्ति के माध्यम से अपने आराध्य देवता कृष्ण से जुड़ते हैं।
  • इस दिन मिठाई तैयार की जाती है और हमारे प्रिय भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती है।
  • इस दिन घर में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अपने इष्ट देव को गुलाल अर्पित किया जाता है। यह गुलाल माथे, गालों और दाढ़ी पर लगाया जाता है।
  • भगवान कृष्ण के मंदिरों में भजन गाए और सुने जाते हैं।

इस दिन को एक शुभ दिन के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस एक घटना को लेकर काफी बहस होती है। कई ज्योतिष विशेषज्ञ इस बात को नहीं मानते हैं कि इस दिन का हर मुहूर्त शुभ होता है और इस दिन कभी भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इस प्रकार कई लोग इस प्रथा का पालन करते हैं और कई नहीं करते हैं।

कृष्ण भक्त इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, बृज के लोग भी इसे मनाते हैं। इस दिन लोग कमर में गुलाल बांधकर सभी को लगाते हैं।

फुलेरा दूज की पौराणिक कथा

माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण काफी समय से अपने काम में व्यस्त थे। जिसके कारण भगवान श्रीकृष्ण राधा रानी से नहीं मिल सके। राधा रानी बहुत परेशान थी।

राधा रानी की अप्रसन्नता का प्रकृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण प्रकृति की स्थिति को देखते हुए भगवान कृष्ण ने राधा रानी के दुख और नाराजगी को दूर करने के लिए उनके पास गए।

जब भगवान कृष्ण राधा रानी से मिले, तो राधा और गोपियाँ प्रसन्न हुईं और चारों ओर फिर से हरियाली दिखाई दी। श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़ा और राधारानी पर फेंका। इसके बाद राधा ने भी फूल तोड़कर कृष्ण पर फेंक दिया।

फिर गोपियां भी एक दूसरे पर फूल फेंकने लगीं। हर तरफ फूलों की होली शुरू हो जाती है। यह सब फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है। तभी से इस तिथि को फुलेरा दूज नामक पर्व के रूप में मनाया जाता है।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.: फुलेरा दूज क्या है?

इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है, इस दिन विवाह और संपत्ति खरीदना जैसे कार्य करना शुभ होता है।

Q.: फुलेरा दूज का मतलब क्या होता है?

Phulera Dooj 2023: फुलेरा दूज हर साल फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक अनुष्ठानों में इस दिन का विशेष महत्व है।

मान्यता के अनुसार फुलेरा दूज पर कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य किया जा सकता है और इस दिन पूजा करने से भी विशेष फल मिलता है।

Q.: फुलेरा दूज में क्या करना चाहिए?

अक्षत और दूर्वा से भगवान की पूजा करनी चाहिए और उन्हें फूल, फल और मिठाई का भोग लगाना चाहिए। फुलेरा दूज के दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का विधान है।

फुलेरा दूज का त्योहार मुख्य रूप से ब्रज में मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ फूलों की होली खेली जाती है और भोग लगाया जाता है।

Q.: फुलेरा दूज कब होता है?

फूलेरा दूज 2023: पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 21 फरवरी को सुबह 07 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी जो 22 फरवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इस प्रकार 21 फरवरी को सामंत तिथि को आधार मानकर फूलेरा दूज पर्व मनाया जाएगा।

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