Giloy Ghan Vati Benefits in Hindi | Giloy Side Effects

Giloy ghan vati यह एक प्रकार का लता का पौधा है, जिसकी लता 15 सेमी तक फैली होती है। यह एक छोटे पान के पत्ते जैसा दिखता है और यह दिल के आकार जैसा दिखता है।

यह ज्यादातर जंगलों या पहाड़ियों की कठोर मिट्टी में उगता हुआ पाया जाता है, जहाँ छोटे-छोटे बीजों को गुच्छों में लगाया जाता है। जो शुरू में हरा होता है और पकने पर लाल हो जाता है।

Giloy ghan vati की विशेषता यह है कि यह चाहे किसी भी प्रकार के वृक्ष में फैल जाए, यह सर्वोत्तम इनल शधि गुणों वाले पौधों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। इसलिए अगर इसे नीम के पेड़ पर लगाया जाए तो यह और भी फायदेमंद होता है।

गिलोय क्या है? – Giloy ghan vati kya hai in hindi?

गिलोय एक प्रकार लता है, जो मुख्य रूप से जंगलों, खेतों और पहाड़ी चट्टानों में पाई जाती है। इसका स्वाद गर्म होता है। फल मटर के दाने जैसा दिखता है। इसके हरे, मांसल और चिकन होते हैं, जो रस्सी की तरह दिखते हैं।

गर्मियों में इस पर छोटे और पीले फूल दिखाई देते हैं, जो नर पौधों में गुच्छों में और मादाओं में एकान्त होते हैं। यही कारण है कि गिलोय को उसके फूलों से नर और मादा के रूप में पहचाना जाता है।

गिलोय के औषधीय गुण

आयुर्वेद के अनुसार गिलोय के पत्ते, जड़(Root) और तना तीनों ही सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, लेकिन गिलोय के तने या डंठल का इस्तेमाल ज्यादातर बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

गिलोय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण भी होते हैं। इन गुणों के कारण यह बुखार, पीलिया, गठिया, मधुमेह, कब्ज, अम्लता, अपच, मूत्र मार्ग के रोगों आदि में राहत देता है।

चावल, पित्त और कफ को नियंत्रित करने वाली बहुत कम दवाएं हैं, गिलोय उन्हीं में से एक है। पित्त पथरी का मुख्य प्रभाव विषाक्त पदार्थों (विषाक्त हानिकारक पदार्थ) पर होता है और यह हानिकारक विषाक्त पदार्थों से संबंधित रोगों को ठीक करने में प्रभावी भूमिका निभाता है।

गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व

Giloy ghan vati में ग्लूकोसाइड होता है जिसे गिलोटिन और टिनोस्पोरिन, पामारिन और टिनोस्पोरिक एसिड कहा जाता है। Giloy ghan vati तांबा, लोहा, फास्फोरस, जस्ता, कैल्शियम और मैंगनीज में भी समृद्ध है।

Giloy ghan vati सेवन कैसे करें

आज के जमाने में ज्यादातर लोग गिलोय के फायदे तो जानते हैं, लेकिन गिलोय को खाना नहीं जानते। आम तौर पर आप गिलोय को इन तीन रूपों में ले सकते हैं: गिलोय सत्त्व, गिलोय रस या गिलोय स्वर और गिलोय चूर्ण। गिलोय का रस आजकल बाजार में आसानी से मिल जाता है।

कोरोना के दौरान गिलोय का उपयोग

कोरोना (Covid 19) महामारी के बारे में सभी जानते हैं और यह बीमारी भारत में कब से आई है। तब से, पूरे देश में गिलोय की बिक्री बहुत अधिक हो गई है। ऐसा गिलोय में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण होता है।

जी हां, गिलोय को कई बीमारियों से जुड़े लक्षणों के लिए जाना जाता है। सबसे महत्वपूर्ण गुण यह है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है। कोरोना के इस दौर में इम्युनिटी बढ़ाना भी बहुत जरूरी है, इसलिए भारत में इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है।

गिलोय के फायदे

गिलोय मधुमेह, कब्ज और पीलिया समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। गिलोय या गुडुची(guduchi) के गुणों के कारण इसे आयुर्वेद में अमृत कहा गया है, जिसका अर्थ है कि यह औषधि बिल्कुल अमृत के समान है।

आयुर्वेद के अनुसार, यह पाचन रोगों के अलावा अस्थमा और खांसी जैसी सांस की बीमारियों से राहत दिलाने में भी काफी फायदेमंद होता है।

Giloy ghan vati benefits for cough in hindi

अगर आपकी खांसी कई दिनों तक ठीक नहीं होती है, तो निगलना फायदेमंद हो सकता है। अपने एंटी एलर्जिक गुणों के कारण यह खांसी से जल्दी राहत दिलाता है। खांसी से छुटकारा पाने के लिए गिली का काढ़ा लें।

अस्थमा (Giloy ghan vati benefits for Asthama in hindi):

इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह सांस की बीमारियों से राहत दिलाने में कारगर है। पित्त पथरी या गुडुची कफ को नियंत्रित करने के साथ-साथ यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जो अस्थमा और खांसी जैसी बीमारियों से बचाता है और फेफड़ों को स्वस्थ रखता है।

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डेंगू (Giloy ghan vati benefits for Dengue in hindi):

गिलोय डेंगू के लिए सबसे लोकप्रिय घरेलू उपचारों में से एक है। डेंगू के दौरान मरीज को तेज बुखार होने लगता है। गॉलब्लैडर में मौजूद ज्वरनाशक गुण बुखार को जल्दी ठीक करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है जिससे डेंगू से जल्दी छुटकारा मिलता है।

बुखार

गिलोय या गुडूची में ज्वरनाशक गुण होते हैं जो पुराने बुखार को भी ठीक करते हैं। इसी कारण मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारियों से होने वाले बुखार से छुटकारा पाने के लिए गिलोय की सलाह दी जाती है।

मधुमेह (Giloy ghan vati benefits for Blood Sugar in hindi)

विशेषज्ञों के अनुसार, गिलोय हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है और टाइप -2 मधुमेह को नियंत्रित करने में प्रभावी भूमिका निभाता है। गिलोय का रस उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है, इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है। इस प्रकार यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी औषधि है।

लीवर के लिए फायदेमंद (Giloy ghan vati benefits for Liver disease in hindi)

अत्यधिक शराब का सेवन लीवर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में गुडुची सत्त्व या गिलोय सत्त्व का प्रयोग लीवर के लिए टॉनिक का काम करता है। यह रक्त को शुद्ध करता है और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम के स्तर को बढ़ाता है।

इस प्रकार, यह लीवर के कार्यभार को कम करता है और लीवर को स्वस्थ रखता है। पित्ताशय की थैली के नियमित प्रयोग से लीवर की गंभीर बीमारी से बचाव होता है।

पीलिया के लिए गिलियड के फायदे:

पित्ताशय की थैली के ताजे पत्तों के रस से पीलिया के रोगी पीलिया जल्दी ठीक हो जाते हैं। साथ ही गिलोय के सेवन से बुखार और पीलिया में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। गिलोय जूस के अलावा आप पीलिया से छुटकारा पाने के लिए गिलोय के अर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अपच(Indigestion) के लिए निगलने के फायदे:

अगर आप कब्ज, एसिडिटी या अपच जैसी पाचन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो गिलोय आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। गिलोय का काढ़ा पेट की कई बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए कब्ज और अपच से छुटकारा पाने के लिए रोजाना गिलोय का सेवन करें।

एनीमिया (Giloy ghan vati benefits for Anaemia in hindi):

शरीर में खून की कमी से कई तरह की बीमारियां होती हैं, जिनमें एनीमिया सबसे आम है। आमतौर पर महिलाएं एनीमिया से ज्यादा पीड़ित होती हैं। एनीमिया से पीड़ित महिलाओं के लिए गिलोय का जूस बहुत फायदेमंद होता है। गिलोय के जूस के सेवन से शरीर में खून की कमी दूर होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

गिलियड साइड इफेक्ट्स और सावधानियां – Giloy ghan vati side effects in hindi

गिलोय के फायदे पढ़ने के बाद अगर आपको लगता है कि गिलोय से सिर्फ फायदे होते हैं तो ऐसा नहीं है। यदि आप गिलोय का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो आपको गिलोय हानि हो सकती है। आइए जानें कि गिलोय के दुष्प्रभाव क्या हैं और किन परिस्थितियों में Giloy ghan vati का सेवन नहीं करना चाहिए।

(1) ऑटोइम्यून बीमारी का खतरा:

गिलोय का उपयोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, लेकिन अक्सर अधिक सक्रिय रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण ऑटो-इम्युनिटी का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे मल्टीपल स्केलेरोसिस या रुमेटीइड गठिया वाले रोगियों को गिलोय से बचने की सलाह दी जाती है।

(2) गर्भावस्था:

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान गिलोय की क्षतिग्रस्त होने का कोई सबूत नहीं है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह के बिना गिलोय सेवन न करें।

(3) : निम्न रक्तचाप:

जिन लोगों को पहले से लो ब्लड प्रेशर है उन्हें गिलोय खाने से बचना चाहिए क्योंकि गिलोय  ब्लड प्रेशर को भी कम करता है। इससे मरीज की हालत और खराब हो सकती है। इसी तरह किसी भी सर्जरी से पहले भी गिलोय को किसी भी रूप में नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करता है जिससे सर्जरी के दौरान परेशानी बढ़ सकती है।

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 FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गिलोय रोज खा सकते हैं?

Giloy  का फायदा उठाने के लिए इसे रोजाना सही मात्रा में खाया जा सकता है। आमतौर पर गिलोय घन वटी  का सेवन पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

गिलोय घन वटी को रामवान डाबा क्यों कहा जाता है?

Giloy की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है, यह बुखार, पीलिया, कैंसर, डायरिया आदि कई रोगों को ठीक कर सकता है, इसलिए इसे रामवन डाबा कहते हैं।

क्या बच्चों को गिलोय खाना चाहिए?

5 साल से कम उम्र के बच्चों को गिलोय नहीं खाना चाहिए।

क्या गिलोय वजन कम करता है?

गिलोय घन वटी वजन कम करने में मदद कर सकता है। पित्ताशय की थैली के रस के लाभ वजन घटाने के लिए लोकप्रिय हैं, जो फैट कमाने में सहायक हो सकते हैं।

गिलोय घन वटी के क्या नुकसान हैं?

Giloy किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है, लेकिन फिर भी, मधुमेह वाले लोगों को इसे कम मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है, साथ ही उन्हें इसे लंबे समय तक नहीं लेना चाहिए।

गिलोय का काढ़ा कैसे बनाते हैं?

Giloy के तनों और पत्तों को सुखाकर चूर्ण बना लें। अब काढ़ा बनाने के लिए 1 गिलास गर्म पानी में एक चम्मच चूर्ण को उबाल लें। काढ़ा तैयार।

मुझे गिलोय कहां मिल सकता है, मैं इसे कहां से खरीद सकता हूं?

बाबा रामदेव की पतंजलि संस्था ने गिलोय जूस और भाटी बनाई है। इसे आप अपने नजदीकी किसी भी पतंजलि की दुकान से खरीद सकते हैं।

इसके अलावा अगर आप इसके पौधे घर में लगाना चाहते हैं तो Amazon से ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। आप गिलोय के पेड़ की पत्तियों से ताजा रस निकाल सकते हैं।

अंत में

Giloy ghan vati का फायदा उठाने के लिए सही तरीके से खाना जरूरी है। गिलोय के लाभ विशेष रूप से स्वस्थ और शक्ति और इम्यूनिटी के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है कि गिलोय के लाभ इतने लोकप्रिय हैं।

गिलोय के फायदे कई तरह से लिए जा सकते हैं जैसे कि गिलोय का रस, पाउडर, गोलियां, कैप्सूल, गिलोय का अर्क। गिलोय को डाइट में शामिल करना बहुत ही आसान है। इसके अलावा कॉफी अपने Giloy ghan vati गुणों के कारण भी लोकप्रिय है।

गिलोय को कई बार कब्ज से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा चुका है। गिलोय को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए गिलोय का फायदा उठाने के लिए इसका सही तरीके से इस्तेमाल करें।

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